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NCERT Solutions for Class 7 Hindi पाठ १२ - कंचा

Chapter 12 of Class 7 Hindi Vasant, titled "Kancha" (Marbles), authored by Shri T. Padmanabhan, delves into child psychology. The story commences with young Appu walking beneath a tree's shade, contemplating the "Jackal and Crow" tale.

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Students can access the NCERT Solutions for Class 7 Hindi पाठ १२ - कंचा. Curated by experts according to the CBSE syllabus for 2023–2024, these step-by-step solutions make Maths much easier to understand and learn for the students. These solutions can be used in practice by students to attain skills in solving problems, reinforce important learning objectives, and be well-prepared for tests.

कहानी से

Question 1 :

कंचे जब जार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब क्या होता है? 

 

Answer :

अप्पू को अपनी कल्पना में कंचो का जार आसमान की तरह दिखता है। वह अपनी कल्पना में इतना मंत्रमुक्त हो जाता है कि उसे अपने आस पास क्या हो रहा है इसका भी ज्ञान नहीं रह जाता, उसे तो बस कंचो और खुद का ही ध्यान रहता है। इसी कारण जब मास्टर जी कक्षा में रेलगाड़ी के बारे में बता रहे होते हैं तो उसका ध्यान कंचो पर होने की वजह से वह मास्टर जी की बाते नहीं सुनता और उसे मास्टर जी की दांट खानी पड़ती है।

 


Question 2 :

 दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की क्या स्थिती है? वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं, फिर हसँते हैं। कारण बताइए।

Answer :

अप्पू दुकान पर जाकर काफी समय तक कंचो को बस देख ही रहा था परन्तु उसने दुकानदार से उसे ये कंचे खरीदने है या नहीं इसके बारे में कोई बात नहीं की। इसलिए दुकानदार को ऐसा लग रहा था कि अप्पू उसका समय बर्बाद कर रहा है क्योंकि उस ये कंचे खरीदने नहीं है। फिर अप्पू ने जब कंचे खरीद लिए तो दुकानदार को राहत मिली और वह प्रसन्न हो गया। अप्पू जब कंचे लेकर निकलने लगा तो उसके कंचे सड़क पर पर गए तो वह उन्हें समटने के लिए सड़क पर गया तभी सड़क पर आती हुई गाड़ी रुक गई और उसके ड्राइवर ने अप्पू को परेशान होकर देखा परंतु जब उसे यह ज्ञात हुआ कि अप्पू अपने कंचे समेट रहा था तो वह शांत हो गया। उसने अप्पू को बच्चा समझकर माफ कर दिया। 

 


Question 3 :

‘मास्टर जी की आवाज अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे।’ मास्टर जी को आवाज धीमी क्यों हो गई होगी? लिखिए।

Answer :

बच्चे कक्षा में पढ़ते-पढ़ते अपनी कल्पनाओं में खो जाते हैं। ऐसा होने से रोकने के लिए मास्टर जी ने रेलगाड़ी के बारे में बताते समय अपनी आवाज को ऊँचा कर लिए जिससे बच्चे उनकी ओर ध्यान दें। जब बच्चों ने मास्टर जी कि बातों की ओर ध्यान देना शुरू कर दिया तो मास्टर जी ने अपनी आवाज को धीमा कर लिया।

 


कहानी से आगे

Question 1 :

कंचे, गिल्ली-डंडा, गेंदतड़ी (पिट्ठू) जैसे गली-मोहल्लों के कई खेल ऐसे हैं जो बच्चों में बहुत लोकप्रिय हैं। आपके इलाके में ऐसे कौन-कौन से खेल खेले जाते हैं? उनकी एक सूची बनाइए। 

 

Answer :

मेरे मोहल्ले में छुपन-छुपाई, पकड़म-पकड़ाई, कबड्डी, पिट्टो, क्रिकेट, फुटबॉल, टेनिस, बैडमिंटन और अभी बहुत सारे खेल हम खेलते हैं जो लोकप्रिय भी हैं।


Question 2 :

किसी एक खेल को खेले जाने की विधि को अपने शब्दों में लिखिए। 

 

Answer :

 फुटबॉल में दो टीम होते हैं तथा प्रत्येक टीम में ग्यारह खिलाड़ियों की आश्यकता होती है। इस खेल में एक रेफरी और दो लाइन्समैन भी रहते हैं। प्रत्येक टीम में एक गोलकीपर होता है जो दूसरे टीम के सदस्यों के गोल को रोकने की कोशिश करता है। फुटबॉल में अन्य खिलाड़ी एक दूसरे की टीम से गेंद को छीनने और अपने प्रतिद्वंद्वी की बास्केट में गोल करने के प्रयास में रहते हैं। अंत में जिस भी टीम ने सबसे ज्यादा गोल किए होते हैं वह विजेता टीम कहलाती है।

 


अनुमान और कल्पना

Question 1 :

जब मास्टर जी अप्पू से सवाल पूछते हैं तो वह कौन सी दुनिया में खोया हुआ था? जय आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है कि आप किसी दिन क्लास में रहते हुए भी क्लास से गायब रहे हों? ऐसा क्यों हुआ और आप पर उस दिन क्या गुजरी? अपने अनुभव लिखिए।

 

Answer :

अप्पू हमेशा ही कक्षा में खोया हुआ रहता था। उस दिन जब मास्टर जी रेलगाड़ी के बारे में पधा रहे थे तो अप्पू कंचो के बारे में सोच रहा था और वह मास्टर जी की किसी भी बात को सुन नहीं पाया। इसलिए जब मास्टर जी ने उससे प्रश्न पूछा तो वह कुछ भी समझ नहीं पाया।

 


Question 2 :

गुल्ली-डंडा और क्रिकेट में कुछ समानता है और कुछ अंतर। कौन सी समानताएं हैं और क्या-क्या अंतर है?

Answer :

गुल्ली-डंडा में एक डंडे के सहारे एक गेंद को मारा जाता है तथा दूसरे खिलाड़ी उस गेंद को पकड़ने का प्रयास करते हैं। ठीक इसी प्रकार क्रिकेट में भी होता है। लेकिन क्रिकेट में एक निर्धारित संख्या में ही खिलाड़ी खेल सकते हैं और यह कुछ ठोस नियमों के साथ भी खेला जाता है जबकि गुल्ली-डंडा में कोई निश्चित नियमों नहीं होते है और इसका कोई निर्धारित समय भी नहीं होता है। गुल्ली-डंडा एक सामान्य स्तर पर खेला जाने वाला खेल है जबकि क्रिकेट सामान्य तथा राष्ट्रीय स्तर पर भी खेला जाता है।


Question 3 :

आप कहानी को क्या शीर्षक देना चाहेंगे?

Answer :

इस कहानी को हम अप्पू और उसकी कल्पनाएं शीर्षक देंगे क्योंकि यह कहानी अप्पू और उसके कंचो के साथ की गई कल्पनाओं पर ही आधारित है।


भाषा की बात

Question 1 :

नीचे दिए गए वाक्यों में रेखांकित मुहावरे किन भावों को प्रकट करते हैं? इन भावों से जुड़े दो-दो मुहावरे बताइए और उनका वाक्य में प्रयोग कीजिए। 

दांतो तले उंगली दबाई

 

Answer :

माँ ने दांतो तले उंगली दबाई का अर्थ होगा आश्चर्य चकित होना। 

हैरान होना- राधा उन गहनों को देखकर हैरान थीं। 

हक्का-बक्का रह जाना- राम अपने पिता को देखकर हक्का-बक्का रह गया था। 

सारी कक्षा साँस रोक हुए उसी तरफ देख रही है का अर्थ भयभीत होना होता है।

पसीना-पसीना होना- रतन मास्टर जी को देख कर पसीना-पसीना हो गया था। 

दम साधे हुए- वह अपनी दम साधकर अंधेरे में समान लाने गया था।

 


Question 2 :

विशेषण कभी-कभी एक से अधिक शब्दों के भी होते हैं। नीचे लिखे वाक्यों में रेखांकित हिस्से क्रमशः रकम और कंचे के बारे में बताते हैं इसलिए वे विशेषण हैं। 

कुछ विशेषण नीचे दिए गए हैं इनका प्रयोग कर वाक्य बनाए

 

 

Answer :

ठंडी अंधेरी रात

उत्तराखंड में राते बहुत ठंडी और अंधेरी होती हैं।

ताज़ा स्वादिष्ट भोजन

घर का भोजन, बाहर के भोजन से सदैव ही ताज़ा और स्वादिष्ट होता है

ख्ट्टी-मिट्ठी गोलियां 

बचपन में हम ख्ट्टी-मिट्ठी गोलियां खाना बहुत पसंद करते थे।

स्वच्छ रंगीन कपड़े

राम हमेशा ही स्वच्छ रंगीन कपड़े पहनता है।


कुछ करने को

Question 1 :

मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘ईदगाह’ खोजकर पढ़िए। ‘ईदगाह’ कहानी में हामिद चिमटा खरीदता है और ‘कंचा’ कहानी में अप्पू कंचे। इन दोनों बच्चों में से किसकी पसंद को आप महत्त्व देना चाहेंगे? हो सकता है, आपके कुछ साथी चिमटा खरीदने वाले हामिद को पसंद करें और कुछ अप्पू को। अपनी कक्षा में इस विषय पर वाद-विवाद का आयोजन कीजिए।

 

Answer :

मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘ईदगाह’ में हामिद एक गरीब बच्चा होता है और वह अपनी दादी के साथ ही रहता है। हामिद को ईद के दिन उसकी दादी पैसे देती हैं और वह उससे खिलौने खरीदने को कहती हैं। हामिद जब बाहर निकलता है तो वह अपने दोस्तों को पास अलग अलग तरह के सुंदर खिलौने देख कर मंत्रमुक्त हो जाता है और वह भी खिलौने खरीदने के लिए दुकान पर जाता है। तभी वहाँ उसे एक चिमटा नज़र आता है जिसको देख कर उसे अपनी दादी की याद आती है। उसकी दादी उसके लिए रोज रोटी बनती है और रोटी बनाते वक्त उनकी उँगलिया जल जाती है इसलिए हामिद ने अपने खिलौनों को छोड़ अपनी दादी के लिए चिमटा ले लिया। जबकि दूसरी ओर अप्पू ने घर से फीस भरने के लिए मिले पैसों से कंचे खरीद लिए थे। हामिद और अप्पू की कहानियों को देखते हुए हम हामिद को ज्यादा पसंद करते हैं।

 


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